जय चण्डी माता रीवाँ...
छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से महज 30 KM की दुरी पर स्थित लोरिक नगर गढ़ रीवाँ में माँ चंडी मंदिर पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में एक प्रमुख आस्था का केंद्र है। यहाँ प्रतिदिन श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, विशेष रूप से रविवार के दिन दर्शनार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। जिसका मुख्य कारण 'चिंगराज' नामक त्वचा संबंधी रोग का निवारण है, श्रद्धालु मंदिर के सामने स्थित तालाब में स्नान करने के बाद माँ चंडी के दर्शन कर इस रोग से मुक्ति की कामना करते हैं।
प्रतिवर्ष चैत्र और शारदीय नवरात्र में ज्योति जलाने की परंपरा वर्षों से चलती आ रही है, जिसमें हर साल सैकड़ों की संख्या में ज्योतियाँ प्रज्वलित की जाती हैं।
माँ चंडी जिस स्थान पर विद्यमान हैं, यानी लोरिक नगर गढ़ रीवाँ,वह धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्व रखता है। पुरातत्व विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि इस स्थल का इतिहास 2000 वर्षों से भी अधिक पुराना है। अब तक के सर्वेक्षणों के अनुसार, यहाँ लगभग 2200 साल पहले के कलचुरी,सातवाहन, पांडववंशीय और कुशान काल की धरोहरें मिली हैं। इसके अलावा, अनेक लोक-गीतों में चंडी माता का वर्णन किया गया है, और लोरिक नगरगढ़ रीवाँ की लोक-कथाओं के बारे में भी सुनने को मिलता है।