चण्डी माता मंदिर
" एक शिला में दुर्लभ पंचमूर्ति - माँ का आशीर्वाद
रत्नागर्भा मातृभूमि के गर्भ से निकली प्राचीनकाल के एक अद्भुद रूपधारिणी गरिमा-महिमामयी पंचमूर्ति देवी माँ की ऐतिहासिक नगरी सदियों से आस्था-विश्वाश और अलौकिक शक्ति का गढ़ रहा है ।
महादानी राजामोरध्वज की आराध्य देव स्थलीय गढ़ रीवाँ - लोरिक चंदा के प्रणय गाथा की पवित्र भूमि है और वर्तमान में चिंगराज सफेददाग (लुकोडर्मा) निवारण के लिए देव आशीर्वाद का केंद्र है ।जहाँ संयोगवश देवी माँ के मार्गदर्शन और सानिध्य में विश्व शांति और उज्ज्वल भविष्य के लिए 'श्री विश्व कल्याण ज्योति' (पर्व बसंत पंचमी १० फ़रवरी २०००) से प्रज्वलित है ।
पंचमूर्ति दर्शन : लंगुरे जी, चण्डिका माँ, आदिशक्ति माँ, महामाया माँ एवं कालभैरव जी
।। ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।।